
स्वतंत्रता दिवस समारोह में घुसा युवक, अधिकारियों के फूले हाथ -पैर
ग्वालियर। शहर की गड्ढा युक्त सड़कें शासन - प्रशासन की खूब किरकिरी करा रही हैं। ताजा मामला स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ पर आयोजित मुख्य समारोह का है। जहां परेड प्रांगण में एक युवक का गड्ढा युक्त सड़कों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अधिकारियों के लिए मुसीबत का सबब बन गया। हालांकि प्रदर्शनकारी युवक को परेड प्रांगण से हटवा दिया गया। लेकिन युवक को धकियाने पहुंचे कर्मचारी और सिपाही आंखे चुराते हुए कंपकपाते हाथों से प्राप्त निर्देशों का पालन करते हुए नजर आए।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्वालियर में स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षौल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर जिले के मुख्य समारोह का आयोजन एसएएफ ग्राउंड पर किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण एवं समाजिक न्याय व दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने ध्वजारोहण कर संयुक्त परेड की सलामी ली। तत्पश्चात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संदेश का प्रसारण हुआ। इसके उपरांत मंत्री श्री कुशवाह जब जिले की उपलब्धियों गिना रहे थे, तभी एसएएफ पहाड़ी की ओर से एक युवक परेड ग्राउंड में घुस आया। युवक का नाम विजय माहौर बताया गया है और वह पेशे से प्राइवेट जॉब में है। विजय अपने शरीर पर पोस्टर्स पहना था। जिन पर ग्वालियर की खराब और गड्ढे वाली सड़कों से आजादी दिलाने को लेकर स्लोगन लिखे थे। इन पोस्टर्स पर खराब और गड्ढा युक्त सड़कों के फोटो थे। विजय, मंत्री श्री कुशवाह की ओर बढ़ रहा था। उनसे मिलकर अपनी समस्याएं साझा करना चाहता था। विजय का यह बैखौफ अंदाज देखकर समारोह में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों के हाथ -पैर फूल गए। आनन -फानन में एक सिपाही और एक कर्मचारी ने बमुश्किल विजय को पकड़ा और एक तरफ ले जाकर उसके शरीर को ढके पोस्टर्स उतरवाए गए। इस दौरान विजय के शरीर से पोस्टर उतरवाने वाले सिपाही और कर्मचारी के ना सिर्फ हाथ कांप रहे थे, बल्कि वे मीडियाकर्मियों से आंखे भी चुरा रहे थे। बाद में विजय को कार्यक्रम स्थल से बाहर कर दिया गया।
प्रदर्शनकारी विजय माहौर का कहना है कि ग्वालियर की गड्ढे वाली सड़कों के विरोध में भोपाल में मानसून सत्र के दौरान विधानसभा भवन के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन कर चुका है। बाबजूद इसके हालात जस के तस बने हैं। पिछले वर्ष सितंबर माह में गणेश महोत्सव के दौरान शिंदे की छावनी रोड पर एक गड्ढे में रथ का पहिए जाने से गणेश प्रतिमा गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई थी। यही वजह है कि उसने स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन करके अपनी नाराजगी दर्ज कराई है। ताकि जिला प्रशासन की नींद टूटे और गड्ढे वाली सड़कों से शहरवासियों को निजात दिलाई जा सके।